<tl>परिवार का हाथ पकड़ कर चलिये लोगों के  पैर पकड़ने की नौबत नहीं आएगी

परिवार का हाथ पकड़ कर चलिये लोगों के  पैर पकड़ने की नौबत नहीं आएगी


परिवार के प्रति जब तक मन में खोट और दिल में  पाप है तब तक सारे मंत्र और  जाप  बेकार है।


जीवन एक यात्रा है रो कर जीने से बहुत लम्बी लगेगी और हंस कर जीने पर कब पूरी हो जाएगी पता भी नहीं चलेगा।


ईश्वर से शिकायत क्यों है ईश्वर ने पेट भरने की जिम्मेदारी ली है पेटियां भरने की नहीं


ह्रदय कैसे चल रहा है, यह डाक्टर बता देंगे, परन्तु ह्रदय में क्या चल रहा है,यह तो स्वयं को ही देखना है।
राम राम जी